श्री स्वामी जी महाराज की जय हो। भक्ति योगाश्रम खलवां के सभी भक्तों को नमन। बन्धुओं भक्त प्रवर श्री नारद जी जिस अनन्य भक्ति की बात कहते हैं वहीअनन्य भक्ति हमारे कृपालु प्रभु हममें बनाए रखें।अनन्य का सीधा और सरल भाव है –न अन्य।उस उदार प्रभु की अनन्त दया ने ही हमें उनके चरणों में स्थान दिलाया।वे सदैव हमारे साथ हैं, सदैव सगुण, सदैव उरप्रेरक, सदैव उपद्रष्टा, सदैव दीनदयाल सदैव प्रभु। एक ही नाम,एक ही रूप और एक ही धाम।उस असीम दयालु प्रभु का दिया नाम ही हमारा आधार है और उनका धाम (खलवां)ही हमारा पवित्र स्थान है। श्री स्वामी जी महाराज की जय! भक्ति योगाश्रम खलवां की जय!
हे दयालु प्रभु हम पर कृपा करे