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महात्मा बुद्ध का आशीर्वाद है काला नमक चावल !!

महात्मा बुद्ध का आशीर्वाद है काला नमक चावल !!
(सुगंधित, शुगर फ्री, पौष्टिक, खासकर पूर्वांचल में पर्व पर केवल यही चावल बनता है प्रसाद के रूप में)!!

PC Mishra Gandharpa

गौतम बुद्ध के जमाने वाले धान काला नमक (Kala Namak Rice) के आधुनिक रूप में आने की कहानी काफी दिलचस्प है। इसकी सबसे आधुनिक किस्म काला नमक किरण है, जिसे करीब ढाई सौ किस्म के धान में से छांटा गया है। इसे नए रूप में लाने में करीब 23 साल लगे। यह सामान्य धान के मुकाबले 20 से 25 दिन की देरी से तैयार होता है, लेकिन दाम और स्वाद-सुगंध के मामले में यह बासमती (Basmati Rice) को भी मात देता है। सामान्य तौर पर 115 से 120 दिन में धान (Paddy) की फसल तैयार हो जाती है लेकिन #कालानमक 140 दिन में तैयार होगा।

यही नहीं,बासमती का एक्सपोर्ट करीब 70 रुपये किलो के रेट पर होता है जबकि काला नमक का दाम 300 रुपये किलो है।
आज कोरोना काल मे डॉक्टर कोविड-19 मरीजों को सल्फर का टेबलेट दे रहे हैं लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि काला नमक धान में प्रचुर मात्रा में सल्फर ,आयरन, जिंक होता है।

किसानों को समर्पित “फार्मर्स वेल्फेयर क्लब” की निरन्तर प्रयास जारी है अपने सिवान जीला के किसान भाइयों के लिए। जैसे की:- छत पर जीरो बजट जैविक बागवानी, काला नमक चावल का उत्पादन, देशी गाय के प्रजातियों का संवर्धन, ज़हर मुक्त खेती और पर्यावरण के सापेक्ष खेती, मशरूम की खेती ,जिससे ग्रामीण स्वरोजगार का सृजन तो होगा ही, सभी वर्ग के लोगों को सेहत और स्वाद से भरपूर सब्जियों, फलों के साथ A 2मिल्क और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना मेरे अभियान का हिस्सा है। आईए आप भी इस पुनीत अभियान का हिस्सा बनिए।

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