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आकाशीय बिजली से बचने के लिए इन बातों का रखे ध्यान, बच जायेगी जान।

सभी भाइयों से निवेदन है कि मानसून सत्र में आकाशीय बिजली गिरने से सावधान रहें और अपने और प्रियजनों की भी सहायता करें।

आप सभी से निवेदन है कि अपने आस पास के लोगों को ऐसे प्रचारित प्रसारित करके जागरूक करें।

पहले ये समझ लेते हैं कि आकाशीय बिजली बनती कैसे है और ये किन जगहों पर काम करने वालों के लिए खासी जानलेवा साबित हो जाती है. पुराने जमाने में जब आसमान में बिजली चमकती थी और गड़गड़ाहट होती थी तो मनुष्य डर जाता था. वो मानता था कि ईश्वर उनसे नाराज हो गया है. अब उसके ऊपर कहर टूटने वाला है.

इस शख्स ने पहली बार बताया कि क्यों चमकती है आकाशीय बिजली
1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन पहले शख्स थे, जिन्होंने बिजली चमकने का सही कारण बताया. उन्होंने बताया कि जब आकाश में बादल छाए होते हैं तो उसमें मौजूद पानी के छोटे छोटे कण वायु की रगड़ के कारण आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पाजिटिव चार्ज आ जाता है तो कुछ पर निगेटिव चार्ज. जब ये दोनों तरह के चार्ज वाले बादल मिलते हैं तो उनके मिलने से लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है.

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